चलिये आज कुछ छोटी मोटी बीमारियों के बारे बात करते हैं ।
कब्ज :- पेट साफ न होना, भूख न लगना, पेट मे भारी पन कब्ज के लक्षण है।
कारण :- भोजन ठीक तरह से चबाया न गया हो, या समय पर न किया गया हो, शारीरिक परिश्रम नहीं करने पर, अधिक चाय, काफी, शराब, तली भुनी चीजें, खट्टी चटपटी चीजें, सेवन करने से तथा आंतों व लीवर मे गड़बड़ी होने पर कब्ज हो जाती है ।
निदान :- काला नमक और छोटी हर्र का चूर्ण बना कर रख लें रोज सुबह शाम एक छोटी चम्मच गरम पानी से लें। रेशेदार भोज्य पदार्थों का सेवन करें। चाय, काफी, शराब, खट्टी चटपटी वस्तुएं न खाएं । सोते समय बिना चीनी का गरम दूध लें , सुबह पेट खुल कर साफ हो जाएगा ।
नोट :- अल्सर से ग्रसित रोगी उपरोक्त नुस्खे का सेवन न करें यदि दूध लेना चाहे तो ले सकते हैं। ऐसे रोगी डाक्टरी सलाह से कुछ भी लें तो बेहतर रहेगा ।
एसिडिटी :- इस रोग मे खट्टी डकारें आती है पेट से लेकर गले तक जलन होती है प्रायः पित्त अधिक बढ़ जाने पर रोगी उल्टियाँ करने लगता है बार बार शौच के लिए जाता है किन्तु आराम नहीं मिलता ।
कारण :- अधिक तेल मसाले दार भोजन, अधपका मांसाहार , लाल मिर्च का सेवन चाय ,काफी ,शराब इत्यादि पित्त को बढ़ाने मे सहायक होती हैं ।
निदान :- त्रिफला 300 ग्राम, खाने वाला सोडा 25 ग्राम , नींबू का रस 12 ग्राम , काला नमक 25 ग्राम सारी सामग्री को कूट पीस कर कपड़ छान कर शीशी मे भर कर रख लें। रात मे 10 ग्राम चूर्ण पानी मे भिगो कर रख दें । सुबह छान कर पी लें । इसका सेवन करने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाएं या पिये । ठंडा दूध ,चावल, हरी पत्ते दार सब्जियाँ , मीठे फल खाएं । भारी, तीखी, तेज मसाले दार चीजें न खाएं ।
नोट :- जिनकी आंतों मे फोड़ा हो वे नुस्खे का प्रयोग न करें ।
भूख न लगना :- किसी बीमारी वश या मानसिक तनाव के कारण , अत्यंत थकान के कारण मंदाग्नि पैदा हो जाती है जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है ।
निदान :- पके सेब के रस मे मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
नोट :- डायबिटीज़ के रोगी इसका सेवन न करे।
साधारण ज्वर :- ऋतु परिवर्तन , गरम ठंडा हो जाने से, वर्षा मे भीग जाने से और किसी अन्य कारण से भी बुखार हो जाता है ।
निदान :- शहद 6 ग्राम , बंगला पान का रस 6 ग्राम , अदरक का रस 6 ग्राम तीनों मिलाकर दवा सुबह शाम ले बुखार उतर जाएगा।
नोट :- अम्ल पित्त के रोगी इस नुस्खे का सेवन न करें ।
रक्ताल्पता :- किसी संक्रामक रोग के होने पर , लीवर और तिल्ली की गड़बड़ी होने पर , रक्तस्राव होने पर , पौष्टिक भोजन की कमी होने से यह समस्या हो जाती है । इसमे रोगी के नाखून और चेहरा पीला पड़ जाता है आंखे धँसी सी लगती हैं ।
निदान :- टमाटर के 100 ग्राम रस मे काला नमक मिलकर सुबह शाम पीने से रक्ताल्पता दूर होती है । चुकंदर का रस 50 ग्राम गाजर का रस 50 ग्राम मिलाकर काला नमक मिला ले और सुबह शाम पिये । और भोजन को नियमित करें, इसमे लौह तत्त्वों वाली सब्जियों तथा फलों को शामिल करें। डाक्टरी सहायता से एनीमिया के कारणों को दूर करने का प्रयास करें ।
बच्चों की सर्दी :- ठंडी चीजों को खाने से, बारिश मे भीगने से, अधिक बर्फ या आइसक्रीम खाने से , बच्चों को सर्दी हो जाती है ।
निदान:- आधा चम्मच अदरक का रस , आधा चम्मच शहद मिलकर सुबह शाम दें। एक बादाम चार कालीमिर्च चबाकर खिलाएँ । दस तुलसी की पत्तियाँ, काली मिर्च चार दाने कूट कर , गुड , अदरक , एक चुटकी सेंधा नमक एक गिलास पानी उबाल लें आधा रह जाने पर काढ़ा छान कर रोगी को सुबह शाम दें तुरंत आराम मिलेगा ।
नोट : - एसिडिटी वाले रोगियों के लिए काढ़ा बनाते समय कालीमिर्च न डालें ।