अदरक बारहों मास पाई जाने वाली जड़ है जो स्वाद मे कटु होने के साथ साथ अनेकों गुणों से भरपूर होती है । इसमे कैल्शियम, फास्फोरस , कॉपर , जिंक आदि मिनरल पाये जाते है । सूखी अदरक को हम सोंठ कहते है । इसकी पत्तियों को भी हम सूखा कर रख सकते है , इन सूखी पत्तियों का एक चुटकी चूर्ण हम किसी भी सब्जी मे दाल मे खुशबू के लिए प्रयोग कर सकते है याद रखें "अति सर्वत्र वर्जयेत " इसलिए किसी भी चीज का अति प्रयोग ठीक नहीं होगा ।
अदरक की तासीर गरम होती है । इसलिए सर्दियों मे इसका प्रयोग बहुतायत से किया जाता है । किन्तु दवा की तरह हर मौसम मे प्रयोग किया जा सकता है ।
खांसी , जुकाम और बुखार होने पर एक गिलास पानी , अदरक ,तुलसी , 4-5 दाने काली मिर्च ,सेंधव नमक , चीनी या गुड़ डाल कर आग पर चढ़ा दें जब पानी खौलते खौलते आधा रह जाए तब इसे छान लें और गरम गरम चाय की तरह दिन मे तीन से चार बार पिये । निसंदेह समस्या दूर भाग जाएगी ।
अदरक का रस और शहद मिला कर दिन मे चार से पाँच बार खाने से खांसी दूर होती है ।
सर्दियाँ आते ही कई लोगों मे टांसिल की समस्या बहुत बढ़ जाती है इसमे भी आप अदरक का काढ़ा बना कर पिये अवश्य लाभ होगा ।
सांस के मरीजों को अदरक , काली मिर्च और अमृता (गुर्च ) का छोटा टुकड़ा कूट कर पानी मे डाल कर पानी आधा रहने तक उबालें, और शहद मिला कर रोगी को लगातार सुबह खाली पेट पिलाये , लाभ होगा ।
भोजन के बाद कच्ची अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबा कर खाने से पेट की समस्या से छुटकारा मिलता है ।
पेट की किसी भी समस्या मे कच्ची अदरक और गुड़ खाने से समस्या से निजात मिलती है ।
जोड़ों मे दर्द होने पर अदरक का पानी बना कर थर्मस मे रख लें और सादे पानी की जगह इसी पानी का इस्तेमाल करें । ठंडा होने पर गुनगुना कर लें ठंडा या सादा पानी तब तक न पिये जब तक समस्या खत्म न हो जाए । वैसे भी आजकल फ्रिज के पानी का इस्तेमाल बढ़ जाने से इस प्रकार की समस्याओं मे बढ़ोत्तरी हुई है । फ्रिज के बजाय यदि घड़े का पानी पिया जाय तो जोड़ो के समस्या कम होगी ।
असमय सफ़ेद हो रहे बालों की जडों मे अदरक का रस उँगलियों की पोरो से धीरे धीरे लगाए और दस बारह घंटे के लिए छोड़ दे फिर शैंपू कर लें ।
झड़ते हुए बालों मे शहद के साथ अदरक का रस लगाए आधे घंटे बाद धो दें,समस्या से निजात मिल जाएगी ।
त्वचा की कांति और निखरे सौंदर्य के लिए एक टुकड़ा कच्ची अदरक सुबह गुनगुने पानी के साथ चबा कर खायेँ । लाभ अवश्य होगा ।
माहवारी को नियमित रखने के लिए भी ताजी अदरक या पिसी सोंठ का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ किया जाता है ।
सोंठ, गुड, मेवे और घी मिलकर लड्डू बना लें सर्दियों मे लुत्फ उठाएँ। सोंठ को थोड़ा से सेंक ले ।
अदरक का पाक बना कर रख लें चाहे जिस भी मौसम मे अपनी सुविधा से खाएं ।
पाक बनाने की रेसिपी हमारे नूतन व्यंजनम ब्लॉग पर दी हुई है आप वहाँ से देख सकते है ।
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