Saturday 16 February 2013

तुलसी की उपयोगिता

भारत मे कितने ही औषधीय पौधे या पदार्थ हैं , जो रोग मुक्त करने मे सहायता करते है और जिनका प्रयोग बहुत समय से किया जाता रहा है किन्तु जानकारी के अभाव मे लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते है । यद्यपि तुलसी के विषय मे शायद हमारे भारत कोई ही ऐसा हो जो न जानता हो , क्योकि हमारे यहाँ तुलसी को देवी का दर्जा प्राप्त है , नित्य हमने अपने घरों मे तुलसी जल देते है और दीपदान भी करते है , कार्तिक मास मे तुलसी की बड़ी ही महती पुजा होती है । परंतु इसका उपयोग हम कहाँ और कैसे कर सकते है ये सभी नहीं जानते । तो आइए जाने तुलसी के अनोखे उपयोग ।

नींद न आना एक आम समस्या है आज दस मे से हर पाँच व्यक्ति को अनिद्रा की बीमारी है यहाँ तक की अनिद्रा की बीमारी से बच्चे , युवा , बड़े बूढ़े , महिलाएं सभी ग्रसित है तो इस प्रयोग से तुरंत लाभ उठाइए ।

तुलसी के चालीस पचास पत्तों को मेहँदी के दस बीस पत्तों के साथ अपने तकिये के नीचे बिछा दें और   आँख बंद कर आराम से लेट जाए मीठी नींद आ जायेगी । किन्तु अल्कोहल का प्रयोग करने वालों को लंबे समय तक यह प्रयास करना पड सकता है साथ ही सोने से पूर्व अलकोहल   का प्रयोग बंद करना पड़ेगा ।

खांसी आ रही हो , जुकाम हो गया हो , ज्वर हो गया हो  तो तुलसी के दस बारह पत्ते , अदरक , चार दाने काली मिर्च , दो लौंग , एक चुटकी सेंधा नमक , और गुड ( के अभाव मे चीनी लें ) एक गिलास पानी मे ऊबलने रख दें और आधा रह जाने पर छान कर दिन मे तीन से चार बार पिये , तुरंत खांसी और जुकाम उड़ंछू हो जाएगा ।

तुलसी के पत्ते बीस ग्राम ,  अजवाइन बीस ग्राम , सेंधा नमक दस ग्राम , आधा नींबू का रस मिलकर घोंट पीस लें और सुबह शाम सेवन करने से पेट दर्द , अफारा , कब्ज , नजला , खांसी आदि से छुटकारा  मिल जाता है ।

तुलसी के सौ ग्राम पत्ते , दस ग्राम तुलसी के बीज , ढाई सौ ग्राम पुराना गुड ( गुड पुराना ही होना चाहिए ) घोंट पीस कर डेढ़ डेढ़  ग्राम की गोलियां बना लें सुबह शाम गाय के गुनगुने दूध के साथ लें नपुंसकता दूर जाएगी ।

तीस ग्राम तुलसी के बीजों को अच्छी तरह पीस कर इसमे दस ग्राम खाने का सोडा मिला कर रख लें , प्रतिदिन 4 - 4 ग्राम दवा छाछ के साथ खिलाने पर छोटी पथरी टूट टूट कर निकल जाती है।

गाय के दूध मे तुलसी के पत्ते पीस कर लगाने से  चेहरे के काले दाग दूर हो जाते है ।

तुलसी के पत्तों का रस गुनगुना करके दो तीन बूंद कान मे डालने से कान का दर्द खत्म हो जाता है ।


तुलसी पत्तों को पीस कर उनका रस निकाल लें और ये रस बालों की जड़ों  मे उँगलियों की पोरों से धीरे धीरे मलें । एक माह तक ऐसा करने से बाल  झड़ना रुक जाते है और असमय सफ़ेद  हो रहे बालों  को भी लाभ मिलता है । 

आशा है आप सभी कुछ लाभ अवश्य उठा पाएंगे ।   

लौकी

इनसे भी मिलिये , ये हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है ।

सब्‍जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। वास्‍तव में यह एक औषधि है और इसका उपयोग हजारों रोगियों पर सलाद के रूप में अथवा रस निकालकर या सब्‍जी के रुप में एक लंबे समय से किया जाता रहा है।
लौकी को कच्‍चा भी खाया जाता है, यह पेट साफ करने में भी बड़ा लाभदायक साबित होती है और शरीर को स्‍वस्‍य और शुद्ध भी बनाती है। लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्यवर्ध्‍दक, पित्‍त तथा कफनाशक और धातु को पुष्‍ट करने वाली होती है। आइए इसकी औषधीय गुणों पर एक नज़र डालते हैं-
1. हैजा होने पर 25 एमएल लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं।
2.खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।
3.हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्‍चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
4.लौकी में श्रेष्‍ठ किस्‍म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है।
5.लौकी श्‍लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्‍छी मात्रा में मिलती है।
6.लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्‍ति देता है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी स्‍वस्‍थ बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।