लाइपोमा
इसके लिए नुस्खे बताने से पूर्व मै आप से इस समस्या के विषय मे कुछ बताना चाहूंगी । मूलतः देखा गया है कि यह समस्या मोटे थुलथुले शरीर वाले लोगों मे हो जाती है और यह 40 से 50 की उम्र मे हो जाया करती है । यह एक तरह का ट्यूमर है जो हमारी त्वचा के निचली परतों मे चर्बी की गांठों के रूप मे जमा हो जाती है । जिन जगहों पर ये गांठें होती है वहाँ पर सूजन आ जाती है वहाँ की त्वचा लाल रहती है वह जगह छूने पर गरम लगती है और पिलपिली सी महसूस होती है । ज़्यादातर ये बिना दर्द की होती है किन्तु कभी कभार किन्ही कारणों से या काम के प्रेशर के कारण मरीज को कांसटेंट पेन की शिकायत करते हुये भी देखा गया है ।
ये गांठें शरीर मे घूमती रहती है और समय रहते पता लग जाने पर इनको डीप मसाज थेरेपी द्वारा इलाज दिया जा सकता है । इससे रक्त संचार सुचारु रूप से होने लगता है जो काफी हद तक लाभ कारी सिद्ध होता है ।
इस समस्या के रोगियों को तांबा काफी फायदेमंद होता है । तांबे के बर्तन मे जल भर कर रात भर के लिए छोड़ दें सुबह खाली पेट दो से तीन गिलास पानी पिये ।
नींबू का रस भी शरीर से फैट टॉक्सिन निकालने मे सहायता करता है । आधा टी स्पून नींबू का रस एक गिलास गुनगने जल मे मिला कर भोजन के बाद लें ।
चिकविड ( बुच्बुचा ) का पौधा घर मे लगाएँ और रोज सुबह खाली पेट उसके ताजे फूल चार पाँच खा लें ।
चिकविड तेल बाजार मे मिलता है , ले आयें और रोजाना मालिश करें ।
एलोवेरा को अपनी दिनचर्या मे निर्बाध रूप से शामिल करें । जूस को पीने के लिए , ज़ेल को मालिश के लिए , ताजे एलोवेरा के दो इंच टुकड़े को छील कर दो गिलास जल मे उबाल ले आधा रह जाने पर पी लें । निसंदेह लाभ होगा ।
काषाय स्वाद के फल और सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा मे करें । जैसे :- आंवला , करेला , मेथी की पत्तियाँ , नीम की निंबौरी ।
एक टेबल स्पून अजवायन , एक टेबल स्पून जीरा , आधा टेबल स्पून मेथी , एक टी स्पून काली मिर्च , एक टेबल स्पून सोंठ का पावडर , एक टी स्पून हल्दी पावडर , एक टेबल स्पून आंवला पावडर चार छोटी हरड़ सब सामाग्री लेकर रख लें । जो पीसी वस्तुएँ है उन्हे अलग रख लें जो बिना पीसी है उन्हे तवे पर सेक कर पावडर बना लें अब पीसी हुई चीजों को भी सेक लें ध्यान रखें कि वे हल्की गुलाबी ही हों वरना जल जाएंगी और स्वाद भी खराब हो जाएगा । सारी सामाग्री एक साथ मिला लें एक काँच कि शीशी मे भर लें । रोज सुबह खाली पेट और रात को सोते समय एक टी स्पून पावडर एक गुनगुने जल से ले । अवश्य लाभ होगा ।
भोजन मे तली भुनी चीजें , बाजार के खाने , कोल्ड ड्रिंक , काफी , मीठे फल , तेल , घी से परहेज करे ।
याद रखें कि यह थेरेपी थोड़ा समय लेती है , इसलिए धैर्य के साथ पालन करें । लाभ अवश्य होगा ।
यदि समय रहते पता चल जाए तो उनका इलाज संभव है , यदि समस्या काफी पुरानी है तो डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है ।
इसके लिए नुस्खे बताने से पूर्व मै आप से इस समस्या के विषय मे कुछ बताना चाहूंगी । मूलतः देखा गया है कि यह समस्या मोटे थुलथुले शरीर वाले लोगों मे हो जाती है और यह 40 से 50 की उम्र मे हो जाया करती है । यह एक तरह का ट्यूमर है जो हमारी त्वचा के निचली परतों मे चर्बी की गांठों के रूप मे जमा हो जाती है । जिन जगहों पर ये गांठें होती है वहाँ पर सूजन आ जाती है वहाँ की त्वचा लाल रहती है वह जगह छूने पर गरम लगती है और पिलपिली सी महसूस होती है । ज़्यादातर ये बिना दर्द की होती है किन्तु कभी कभार किन्ही कारणों से या काम के प्रेशर के कारण मरीज को कांसटेंट पेन की शिकायत करते हुये भी देखा गया है ।
ये गांठें शरीर मे घूमती रहती है और समय रहते पता लग जाने पर इनको डीप मसाज थेरेपी द्वारा इलाज दिया जा सकता है । इससे रक्त संचार सुचारु रूप से होने लगता है जो काफी हद तक लाभ कारी सिद्ध होता है ।
इस समस्या के रोगियों को तांबा काफी फायदेमंद होता है । तांबे के बर्तन मे जल भर कर रात भर के लिए छोड़ दें सुबह खाली पेट दो से तीन गिलास पानी पिये ।
नींबू का रस भी शरीर से फैट टॉक्सिन निकालने मे सहायता करता है । आधा टी स्पून नींबू का रस एक गिलास गुनगने जल मे मिला कर भोजन के बाद लें ।
चिकविड ( बुच्बुचा ) का पौधा घर मे लगाएँ और रोज सुबह खाली पेट उसके ताजे फूल चार पाँच खा लें ।
चिकविड तेल बाजार मे मिलता है , ले आयें और रोजाना मालिश करें ।
एलोवेरा को अपनी दिनचर्या मे निर्बाध रूप से शामिल करें । जूस को पीने के लिए , ज़ेल को मालिश के लिए , ताजे एलोवेरा के दो इंच टुकड़े को छील कर दो गिलास जल मे उबाल ले आधा रह जाने पर पी लें । निसंदेह लाभ होगा ।
काषाय स्वाद के फल और सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा मे करें । जैसे :- आंवला , करेला , मेथी की पत्तियाँ , नीम की निंबौरी ।
एक टेबल स्पून अजवायन , एक टेबल स्पून जीरा , आधा टेबल स्पून मेथी , एक टी स्पून काली मिर्च , एक टेबल स्पून सोंठ का पावडर , एक टी स्पून हल्दी पावडर , एक टेबल स्पून आंवला पावडर चार छोटी हरड़ सब सामाग्री लेकर रख लें । जो पीसी वस्तुएँ है उन्हे अलग रख लें जो बिना पीसी है उन्हे तवे पर सेक कर पावडर बना लें अब पीसी हुई चीजों को भी सेक लें ध्यान रखें कि वे हल्की गुलाबी ही हों वरना जल जाएंगी और स्वाद भी खराब हो जाएगा । सारी सामाग्री एक साथ मिला लें एक काँच कि शीशी मे भर लें । रोज सुबह खाली पेट और रात को सोते समय एक टी स्पून पावडर एक गुनगुने जल से ले । अवश्य लाभ होगा ।
भोजन मे तली भुनी चीजें , बाजार के खाने , कोल्ड ड्रिंक , काफी , मीठे फल , तेल , घी से परहेज करे ।
याद रखें कि यह थेरेपी थोड़ा समय लेती है , इसलिए धैर्य के साथ पालन करें । लाभ अवश्य होगा ।
यदि समय रहते पता चल जाए तो उनका इलाज संभव है , यदि समस्या काफी पुरानी है तो डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है ।
उपयोगी जानकारी ...
ReplyDeleteUpyogi
ReplyDeleteधन्यवाद ।
Deleteआपका यह काम बहुत सराहनीय है अन्नपूर्ण जी !
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